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प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना:- जैसा आपको पता होगा की 30 जून 2020 मंगलबार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश को एक बार फिर से संबोधित किया है, जो की कोरोना संकट आने के बाद से ये उनका राष्ट्र के नाम छठा संबोधन रहा है. राष्ट्र के नाम संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा की अन्य देशों की तुलना में भारत में कोरोना संक्रमण का मृत्यु दर कम है और भारत एक स्थिर स्थिति में है. इसके अलावे देश के गरीब नागरिकों के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया है, उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच महीने तक और बढ़ा दिया गया है. जिसके अंतर्गत पर्त्येक व्यक्ति को हर महीने 5 किलो गेहूं/चावल और हर महीने 1 किलो दाल मुफ्त में दिया जा रहा है|
बता दें की यह योजना मंगलबार को ही खत्म हो रही थी और प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन के लिए स्पष्ट कर दिया की यह योजना नवंबर तक जारी रहेगा. लेकिन अक्टूबर में बिहार बिधानसभा चुनाव को मद्देनजर रखते हुए इसे राजनीत से भी जोड़ा जायेगा, जबकि यह सच है की इसने देश के लगभग 80 करोड़ लोगों को विश्बाश जगा दी है. तो आइये जानते हैं पीएम द्वारा संबोधित की गयी अन्य बड़ी बातें|
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
बताते चलें की इस योजना की पहली शुरुआत 26 मार्च को किया गया था, जो की अप्रैल, मई और जून महीने में इसे सम्पूर्ण रूप से लागु कर दी गयी थी, जिसका कुल खर्च लगभग 60 हजार करोड़ रुपये के बिच था. लेकिन इस योजना को और पांच महीने तक बढ़ा दिए जाने पर कुल खर्च 90 हजार करोड़ रुपये के आस पास होगा, इस प्रकार PMGKY का कुल खर्च 1.50 लाख करोड़ रुपये के बिच आएगा|
भारत सरकार ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने का ऐलान किया, साथ ही इसका श्रेय देश के अन्नदाताओं किसानों और कर दाताओं को दिया. उन्होंने कहा कि सरकार जरूरत पर इतना कुछ इसीलिए कर पा रही है क्योंकि किसानों ने पर्याप्त अनाज उपजाया है और ईमानदार करदाताओं ने इसका योगदान दिया है|
यह हैं पीएम मोदी की संबोधन की अन्य बड़ी बातें
- देश अनलॉक-2 में प्रवेश कर रहा है, मेरी प्रार्थना है कि आप अपना ध्यान रखें.
- कंटेनमेंट जोन में रहने वाले लोगों को रोकना, टोकना और समझाना होगा, चाहे गांव का प्रधान हो या प्रधानमंत्री कानून से ऊपर कोई नहीं.
- सरकार ने सुनिश्चित किया कि कोई भी गरीब लॉकडाउन के दौरान खाली पेट न सोए, इसलिए हमने पीएम गरीब कल्याण योजना लॉन्च की.
- गरीब कल्याण योजना के लिए अनाज की खरीद के लिए 9 करोड़ किसानों को फंड ट्रांसफर किया गया है.
- सरकार ‘वन नेशन वन राशन कार्ड’ योजना पर भी विचार कर रही है, जिससे गरीबों को बेहद फायदा होगा.
- पीएम गरीब कल्याण योजना की सफलता के जिम्मेदार भारत के किसान और करदाता हैं, उनके बिना गरीबों को खिलाने की योजना इस तरह की ऊंचाइयों को नहीं छूती.
- हम COVID-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, और दिशानिर्देशों का पालन करेंगे इसके साथ हम आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करेंगे.
गांव का प्रधान हो या देश का प्रधानमंत्री कानून से ऊपर कोई भी नहीं
पीएम मोदी की संबोधन की अन्य बड़ी बातें आपको ऊपर बतलाया गया, जिसमे सीधे तौर पर कहा गया है की गाँव का प्रधान हो या देश के प्रधानमंत्री कानून से ऊपर कोई नहीं|
प्रधानमंत्री की इन बातों पर स्पष्ट हो चूका है की कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए हर लागु नियमों का पालन करना होगा, अगर जो लोग इन नियमों का पालन नहीं करते हैं उन्हें रोकना होगा, और उनको सारी समस्याओं से अवगत करना होगा|
आपने न्यूज़ में देखा होगा की एक पीएम पर १३ हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है, क्योंकि वह बिना नियम को पालन किये एक सार्वजानिक स्थान पर गए थे, और वहाँ पर पीएम बुल्गारियाई प्रधानमंत्री बॉयो बोरिसोव के उदाहरण का उल्लेख कर रहे थे|
तो पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भी स्थानीय प्रशासन को उसी तरह सक्रिय रूप से काम करना होगा, क्योंकि यह 130 करोड़ नागरिकों की जान बचाने का अभियान है. भारत में गांव का प्रधान हो या फिर देश का प्रधान कोई भी नियमों से ऊपर नहीं है|
भारत दुनिया के कई देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र संबोधित की शुरुआत में कहा हम अनलॉक 2.0 में प्रवेश कर रहे हैं और हम ऐसे मौसम में प्रवेश कर रहे हैं जब सर्दी, खांसी, बुखार के मामले बढ़ जाते हैं, तो मैं सभी देशवासियों से अनुरोध करता हूं कि वे अपना ख्याल रखें. यह सच है कि अगर हम COVID-19 के कारण मृत्यु दर को देखे, तो भारत दुनिया के कई देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, और समय पर लॉकडाउन जैसे अन्य फैसलों ने भारत के लाखों लोगों की जान बचाई है|
PM गरीब कल्याण योजना के तहत मिलने बाली राशन
इस योजना के तहत पर्त्येक राशन कार्ड धारक को 5 किलो अनाज मुफ्त में मिलेगा, जबकि हर उपभोक्ताओं को राष्ट्रिय खाद्द सुरक्षा कानून (NFSA) के तहत निर्धारित मात्रा में अनाज रियायती दर 2 रुपये किलो गेहूं और 3 रुपये किलो चावल की आपूर्ति होती रहेगी. जबकि पर्त्येक परिवार को 1 KG चना भी दिया जायेगा, संबोधित के तुरंत बाद केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मंत्री राम विलास पासवान ने भी राज्यों के नागरिकों से निवेदन किया कि वह अगले पांच महीने का अनाज FCI से उठा लें. जबकि उनकी ओर से यह भी स्पष्ट किया गया कि सरकार के पास पर्याप्त अनाज का भंडार है|