Punjab:- अभी देश भर में कोरोना का कहर जारी है, देश के प्रधानमंत्री के साथ-साथ पर्त्येक राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने राज्य के नागरिकों को लगातार चार महीने से मदद कर रही है. लेकिन इसी बिच एक सबसे बढ़ी खबर सामने निकलकर आई है, की पंजाब सरकार ने इस COVID-19 महामारी के दौरान स्कूली छात्रों के पैरेंट्स को एक बड़ी राहत दी है. जी हाँ, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ये शनिवार को घोषणा की है की राज्य के सरकारी स्कूल कोरना संकट के दौरान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए किसी भी छात्रों से कोई एडमिशन, री-एडमिशन और ट्यूशन फीस नहीं लिया जायेगा|
लेकिन, जहाँ तक प्राइवेट स्कूलों की तरफ से ली जाने बाली फ़ीस का सवाल है, तो आपको बता दें की राज्य सरकार ने इसकी पहले हीं अदालत का रुख कर लिया है. लेकिन सरकारी स्कूल के छात्रों से इस पुरे साल के लिए कोई फ़ीस नहीं लिया जायेगा|
जानकारी के मुताविक पंजाब सरकार ने 10वीं कक्षा के लगभग 31 हजार छात्रों को कक्षा 11वीं में प्रमोट भी किया है. हालाँकि यह फैसला राज्य सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण को मद्देनजर रखते हुए ली गई है, ताकि इस संक्रमण को और ज्यादा फैलने से बचाया जा सकें|
पंजाब सरकार ने की एक और घोषणाएं
आपको बता दें की पंजाब सरकार #AskCaptain के संस्करण के दौरान एक और घोषणाएं की है, जिसमे उन्होंने कहा है की कक्षा 12वीं परीक्षा में 98% से अधिक अंक प्राप्त करने बाले 335 छात्रों में से पर्त्येक छात्रों को 5,100 रुपये की नकद पुरस्कार भी दिया जायेगा|
और साथ हीं उन्होंने आश्वासन देते हुए यह भी कहा है कि अगर कोई स्कूल सरकार की इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे कड़ी सजा भुगतनी होगी|
सरकार ने क्यों की इसकी घोषणा
हाल हीं में फतेहगढ़ साहिब के खमनू के एक छोटे से दुकानदार मनप्रीत सिंह की बेटी एक स्कूल में पढने जाती थी, लेकिन इस कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण उसकी फ़ीस स्कूल में नहीं भरी गई थी, जिसके कारण उसका नाम स्कूल से हटा दिया गया था. इसी को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा की वह डीसी से पूछेंगे, और इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि बच्ची को वापस स्कूल में लाया जाए|
साथ हीं उन्होंने कहा की कोई भी स्कूल इस तरह से छात्रों को नहीं निकाल सकता है, अगर कोई स्कूल नियमों का उल्लंघन करता है तो उस कड़ी से कड़ी सजा भी भुगतनी होगी|